Fathers Day Special Hindi Poem

उंगली पकड़ के जिसने चलना सिखाया,नए खिलौने, नए कपड़ो से लाड लडाया,पढ़ा लिखा कर हमें काबिल बनाया,ठोकर खाकर फिर उठना सिखाया,अपनी इच्छाओं को त्याग करहमारे सपनों को पूरा किया।। हां…