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करुणा की मुरत, ममता की देवी,
औरत ही है हर जीव की रचनाकार।
हर रूप में झलकाती है प्रेम भाव,
हर मसले को सुलझाती है कला भाव से
यही है प्राकृतिक स्वभाव एक औरत का।

दे दो उसे बस आदर, समय और प्यार के कुछ पल।
न्योछावर कर देगी वो खुशी खुशी अपने जिंदगी के हर पल।।

#मां

# जीवन

# सुंदर रचना

By Jasmine

One thought on “औरत की परिभाषा”

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